कहते हैं, जब कुछ टूटता है, तो उससे एक कहानी निकलती है. चाहे वो दिल हो या दीवार.. लेकिन ये कहानी है काशी के टूटने की. जिसे साक्षात शिव ने बसाया, सजाया, संवारा था। काशी को बनारस बनने में सदियां लग गई. जब काशी को क्यूटो बनाया जाने लगा तो हजारों मन टूट गए. परिवार की विरासतें ध्वस्त हो गईं, देहरी तोड़ दी गई. पुरखों की बनाई दीवारों पर बुलडोजर चल गए.
काशी के अस्तित्व की लड़ाई
बस कुछ महीनों में बाबा विश्वनाथ की नगरी की विरासती दरख्तें काट दी गई. काशी के टूटने और बिखरने से उड़ती धूल से निकली है फिल्म ‘ताम’ (taam)। जो जल्द ही ओटीटी (OTT) पर रिलीज होगी और काशी के क्यूटो बनने की बेरहम सच को सामने लायेगी।
तबाह काशी, क्यूटो बनी
ये सुगम संयोग है, कि बाबा विश्वनाथ की काशी के सालों पुराने अस्तिव को खत्म होने के सफर को स्क्रीन पर लाने वाले का नाम भी विश्वनाथ है. जिन्होंने इस फिल्म का निर्देशन किया है. अविमुक्त फिल्मस के बैनर तले बनी फिल्म ‘ताम’ (taam) का नाम संस्कृत के तमस यानी तामसी शब्द से लिया गया है. जिसका भावार्थ है विनाशक. माना जाता है कि तामसी प्रवृति राक्षस की होती है. जो सिर्फ विनाश करता है.
छोटी टीम, बड़ी कहानी
बात फिल्म की करें तो आधा घंटा की ये शॉर्ट फिल्म जल्द ही ओटीटी प्लेटफॉर्म में रिलीज होगी. फिल्म TAAM के सीन फिल्म इंस्टीट्यूट से पास आउट विद्यानाथ भारती ने कैद किये हैं. कलाकारों में बीएनए लखनऊ से पास आउट अमित श्रीवास्तव भी फिल्म में दिखाई देंगे. इसके साथ ही बनारस के अभिनेता राघवेंद्र पाठक, सैयद इकबाल अहमद और गौरव सिंह ने लेखन और निर्देशन में बड़ी भूमिकायें निभाई हैं.
सदियों की परंपरा पर बुल्डोजर
फिल्म ‘ताम’ का विषय बड़ा है. डायरेक्टर विश्वनाथ तिवारी की माने तो ताम की कहानी हर उस बनारसी की है. जिसने क्यूटो के लिए अपने घर को कुर्बान किया है. फिल्म की कहानी ऐसे ही एक परिवार की है, जो पुरखों के बनाए घर में रहता है. घर की चार दीवारी में बचपन से जवानी और बुढ़ापा देखने वाले सदस्य इस सदमें को बर्दाश्त करने को तैयार नहीं है. बाबा विश्वनाथ की कुंज गलियों की छांव में पले बढ़े परिवार को खुली धूप मंजूर नहीं है. इसी कहानी को निर्देशक विश्वनाथ तिवारी ने लाइव फुटेज के बीच ड्रामा में पिरोया है.
निर्देशक विश्वनाथ तिवारी बताते हैं, काशी से क्यूटो के सफर को फिल्म में दर्शाना आसान नहीं था. क्योंकि फिल्म के लिए फाइनेंस सबसे बड़ी बाधा थी. लेकिन बाबा विश्वनाथ की कृपा और टीम की दृढ़ता ऐसी थी कि ताम बनकर तैयार है. जल्द ही फिल्म ‘ताम’ दर्शकों के सामने होगी.
Very nice