मरना कोई नहीं चाहता पर मृत्यु के बाद की दुनिया का अनुभव हर कोई लेना चाहता और जीवन-मृत्यु का ये रहस्य इतना दिलचस्प है कि दर्शन-विज्ञान के गाहे-बगाहे कही गई हर सच्ची-झूठी बातें रोचक लगती है। ऐसे में ये विषय सिनेमा का भी पसंदीदा विषय रहा है.. इस पर कई सारी फिल्में भी बन चुकी हैं और अब जीवन-मृत्यु की इसी रहस्यमयी दुनिया को आधार बनाकर दर्शकों को लुभाने आई है अमेज़न प्राइम की वेब सीरीज द लास्ट आवर । ऐसे में जानने वाली बात ये है कि इस सीरीज का विषय ही सिर्फ रोचक है या ये वाकई में दर्शकों का मनोरंजन करने में भी सफल है। इसलिए हमने ये सीरीज देखी और आपके लिए लेकर आए है ‘द लास्ट आवर’ का रिव्यू ।
सुपरनेचुरल क्राइम थ्रिलर सीरीज है द लास्ट आवर
14 मई को अमेज़न प्राइम वीडियो पर रिलीज हुई वेब सीरीज ‘द लास्ट आवर’ में संजय कपूर, राइमा सेन और शहाना गोस्वामी जैसे नामी चेहरों के साथ करमा तकपा और शायली कृष्ण जैसे नए चेहरे भी देखने को मिलते हैं। बात करें कहानी कि तो ये सीरीज जीवन-मृत्यु की रहस्य के साथ ही पारलौकिक शक्तियों के बारे में हैं, जिसे आम भाषा में जादू-टोना और ओझागिरी कहते हैं। दरअसल, इस कहानी की पृष्ठभूमि उत्तर-पूर्व के क्षेत्र में स्थापित की गई है, जहां स्थानीय लोगों में से कुछ विशेष को दैवीय शक्तियां मिली हुई हैं। ये दो तरह की शक्तियां हैं.. एक भविष्य देखने की और दूसरी अतीत में जाने की।
यहां कहानी में ‘यमू नाडु’ नाम का जो खलनायक है उसके पास भविष्य देखने की शक्ति है, तो वहीं नायक देव (करमा तकपा) के पास अतीत में जाने की शक्ति है। देव किसी भी मृत्य व्यक्ति के मौत के एक घंटें के अंदर उसकी आत्मा से मिल सकता है। ऐसे में यमू नाडु, देव को मारकर उसकी भी शक्ति हासिल करना चाहता है ताकि वो अतीत में जाकर जो चाहें वो कर सके । देव की तलाश और उसे मारने के लिए यमू नाडु कई सारी सिलसिलेवार हत्याएं करने लगता है, ऐसी ही एक हत्या की जांच के लिए मुम्बई से पुलिस ऑफिसर अरूप सिंह (संजय कपूर) यहां आता है।
पारलौकिक शक्तियों के रहस्य में उलझी कहानी
अरूप का भी अपना अतीत है, उसकी पत्नी (राइमा सेन) की मौत हो चुकी है और उसकी बेटी परी (शायली कृष्ण) इसके लिए उसे जिम्मेदार ठहराती है। फिर कहानी में ऐसी परिस्थितियां बनती हैं अरूप की बेटी परी और देव एक दूसरे से प्यार करने लगते हैं। उधर अरूप क्षेत्र में हो रही सिलसिलेवार मौतों को सुलझाने में देव की मदद लेने लगता है और दोनों मिलकर यमू नाडु की तलाश करते हैं जहां दो बार पुलिस से टकराने के बावजूद यमू नाडु बच कर निकल जाता है। देव की शक्ति को पाने की चाहत में पागल यमू नाडु देव का बदला परी से लेता है। एक रात कॉलेज के कार्यक्रम से लौट रही परी के साथ रेप हो जाता है और वो कोमा में पहुंज जाती है।
परी मौत के करीब है और क्रूर यमू नाडु का आतंक घाटी में सिर चढ़कर बोल रहा है, ऐसे में क्या देव अपनी शक्ति का प्रयोग कर अतीत में जाकर परी को बचा पाएगा, कहीं यमू नाडु अपने नापाक इरादे में कामयाब तो नहीं हो जाएगा, इस सस्पेंस के साथ ही 8 एपिसोड वाली सीरीज ‘द लास्ट आवर’ समाप्त हो जाती है। इस तरह से देखा जाए तो इसका अंत काफी कुछ दूसरे सीजन की गुंजाइश बना देता है। जहां तक बात इसकी कहानी की है तो प्लॉट रोचक है लेकिन उसे बेहतर तरीके सीरीज के रूप में उतारा नहीं जा सका है।
देखा जाए तो दूसरे सीजन की गुंजाइश बनाने के चक्कर में ‘द लास्ट आवर’ के निर्देशन और लेखक खुद ही उलझ कर रह गए हैं। पहले एपिसोड से दूसरे एपिसोड में जाने के साथ जो रोचकता बनती है वो पांचवें-छठें तक जाकर धीरे-धीरे कम होने लगती है। सातवें में तो आप सिर्फ देखते ही रह जाते हैं और आठवां खत्म होने के साथ लगता है ये क्या हुआ… कुल मिलाकर दर्शक की रोचकता को पऱवान चढ़ाने के बाद उसे ये सीरीज अंजाम तक नहीं पहुंचा पाती है।
अभिनय की कसौटी पर खरें उतरें कलाकार
अब बात अगर अभिनय की करें तो यहां कलाकारों ने अपना काम बेहतर किया है। संजय कपूर के अभिनय में उम्र के साथ परिपक्वता दिखती है, तो किरदार के मुताबिक राइमा सेन की रहस्यमयी उपस्थिति भी रोचक लगती है। शाहना गोस्वामी भी अपने किरदार में जंची हैं, हां पर नायक के किरदार में करमा तकपा उतना प्रभाव नहीं छोड़ पाए हैं, सिर्फ स्थानीय चेहरे के रूप उनकी उपस्थिति इस सीरीज में जायज लगती है। परी के किरदार में शायली कृष्ण की खूबसूरती और मासूमियत ध्यान खींचती है।
क्यों देखनी चाहिए ‘द लास्ट आवर’
बात करें अगर कि ‘द लास्ट आवर’ क्यों देखनी चाहिए तो अगर आपको भी जीवन-मृत्यु वाले रहस्य में दिलचस्पी है तो आपके लिए ये सीरीज अच्छा टाइम पास साबित हो सकती है।
क्या है ख़ामियां ‘द लास्ट आवर’
‘द लास्ट आवर’ सीरीज की सबसे बड़ी कमी इसकी खासियत ही बन गई है, दरअसल इसके हर एपिसोड में इतनी रोचकता बनी हुई है कि आगे देखा जा सके, पर आखिर में आकर ये सीरीज आपको शून्य के कागार पर छोड़ जाती है।
खैर बाकि आपकी मर्जी है कि ‘द लास्ट आवर’ वेब सीरीज देखनी है या नहीं, हम उम्मीद कर सकते हैं कि ये रिव्यू पढ़ कर आपके चुनाव का काम कुछ हद तक आसान हो गया होगा।