ओटीटी प्लेटफॉर्म ने मनोरंजन का जरिया ही नहीं, विषय भी पूरी तरह से बदल कर रख दिया है। ये ओटीटी की ही देन है कि ‘लार्जर दैन लाइफ’ वाली परिकल्पना से अलग, आज फिल्मों और वेब सीरीज के लिए वास्तविक कहानियां गढ़ी जा रही हैं.. जहां चरित्र अभिनेताओं के साथ ही महिला किरदारों का कद भी बढ़ा है। अब नायक के साथ रोमांस फरमाने वाली नायिका से इतर, वास्तविक और सशक्त महिला किरदार गढ़े जा रहे हैं। साउथ की पापुलर एक्ट्रेस तमन्ना भाटिया को भी एक ऐसी ही वेब सीरीज के जरिए अपनी अदाकारी का जौहर दिखाने का मौका मिला है, जिसे भुनाने में वो सफल साबित होती दिख रही है। दरअसल, हम बात कर रहे हैं डिज्नी प्लस हॉटस्टार की हालिया रिलीज वेब सीरीज ‘नवंबर स्टोरी’ की…
गौरतलब है कि ‘नवंबर स्टोरी’ 20 मई को हिंदी, तमिल और तेलुगु भाषा में डिज्नी प्लस हॉटस्टार वीआईपी पर रिलीज हुई है। तमन्ना भाटिया स्टारर इस सीरीज को IMDB पर 8.6 की अच्छी रेटिंग मिली है, जिसकी वजह है सस्पेंस और रोमांच से भरपूर इसकी जबरदस्त कहानी। जी हां, वैसे तो इस वक्त क्राइम थ्रिलर के नाम पर धड्ड़ले से सीरीज का निर्माण हो रहा है, जहां हर सप्ताह कोई न कोई क्राइम सीरीज रिलीज होती हैं। पर देखा जाए तो नवम्बर स्टोरी इन सबसे अलग है, जिसमें एक रोचक कहानी को अलग अंदाज में पेश किया गया है। बात करें इसकी कहानी की तो ये बाप-बेटी के रिश्तें की कहानी है, जिसमें बेटी अपने पिता को बचाने के लिए हर सम्भव कोशिश करती है।
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दरअसल, इस कहानी का केंद्र है अनुराधा उर्फ अन्नू (तमन्ना भाटिया) है, जोकि एक आईटी प्रोफेशनल है। अन्नू के पिता गणेशन एक मशहूर क्राइम नॉवेल राइटर हैं, जो फिलहाल अल्जाइमर की गंभीर स्थिति से जूझ रहे हैं। ऐसे में अपने पिता का सही ढंग से इलाज कराने के लिए अन्नू को पैसों की जरूरत है और इसलिए वो अपना पुराना मकान बेंचने की कोशिश में लगी रहती है। पर उसके पिता वो मकान बेचना नहीं चाहते, वहीं एक रोज उसी मकान में एक महिला की हत्या हो जाती है और अन्नू को उसके पिता उस महिला की लाश के पास विक्षिप्त अवस्था में मिलते हैं।
अब अन्नू अपने पिता को बचाने के लिए घट्नास्थल से कुछ साक्ष्यों को मिटाने की कोशिश करती हैं, क्योंकि उसे लगता है कि उसके पिता बेकसूर हैं। दूसरी तरफ एक लड़की के मर्डर केस की जांच चल रही हैं, जिसके तीन आरोपियों में से एक लड़के की भी संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो जाती है। ऐसे में पुलिस दोनों मामलों की गहन छान बीन में लगी है, जिसका पहला शक गणेशन पर ही जाता है, उधर अन्नू पुलिस की नजरों से बचकर खुद भी असली गुनाहगार का पता लगाने की कोशिश करती है, जिसमें उसे अहम सुराग के रूप में 16 नवम्बर की तारीख मिलती है। इसी तारीख को 25 साल पहले एक बस एक्सीडेंट में अन्नू की मां की मौत हो चुकी हैं और हर साल इसी तारीख को उसके पिता उस पुराने में मकान में जाते हैं।
ऐसे में क्या अन्नू नवंबर की इस तारीख की असल कहानी जान पाती है , क्या वो कातिल तक पहुंच पाती है और कहीं गणेशन ही तो असली अपराधी नहीं है? इन्ही सब सवालों के जवाब ढूंढ़ते हुए ये कहानी सस्पेंस के साथ आगे बढ़ती है। वहीं इस कहानी में कई अतार्किक बातें भी नजर आती हैं जैसे पूरी पुलिस टीम का रात भर एक कमरे में सिमट कर केस को साल्व करना, या अपराधी का खुद क्राइम सीन पर जाकर मर्डर सिचुएशन को डिस्क्राइब करना।
वैसे कहानी की छोटी-मोटी कमियों को छोड़ दिया जाए तो दर्शकों को ध्यान आकर्षित करने के लिए ‘नवंबर स्टोरी’ काफी है। इंद्र सुब्रमण्यन ने कहानी को अच्छा लिखा है और उसे फिल्माया भी बेहतर है। शुरूआत से सीरीज में जो रोचकता बनती है, वो अंत तक कायम रहती है। हालांकि नवम्बर स्टोरी के कुछ दृश्य बेहद विभत्स लगते हैं जैसे कि पोस्टमार्टम सीन्स। शायद ये स्थिति को वास्तविक दर्शाने के लिए किया गया है, जोकि दर्शकों के रूह कपाने के लिए काफी हैं । कुल मिलाकर ‘नवंबर स्टोरी’, क्राइम सीरीज के नाम पर दर्शकों को असल क्राइम थ्रिलर का अनुभव देती है।
वहीं अगर बात करें अभिनय की तो मेन लीड के रूप में तमन्ना भाटिया के हांथ पहली बार ऐसा संजीदा किरदार लगा है, जिसे वो काफी हद तक निभा ले गई है। अनुराधा के किरदार में तमन्ना के चेहरे पर गंभीरता और आंखों में बेचैनी साफ झलकती है। इस किरदार में बहुत अधिक नाटकीयता की संभावनाएं थीं, जिससे तमन्ना बच निकली हैं और उन्होनें संजीदगी से इसे निभा लिया है। वहीं गणेशन के किरदार में जी एम राव ने भी अपना किरदार बाखूबी निभाया है। इसके अलावा सीरीज में अहम किरदार में पशुपति भी जंचें हैं।
सात एपिसोड वाले इस सीरीज के हर एपिसोड का टाइटल भी काफी रोचक रखा गया है, जो कि तकरीबन 30 से 50 मिनट लंबे हैं। इस तरह से देखा जाए तो ‘नवंबर स्टोर’एक अलग कहानी के साथ दर्शकों को क्राइम थ्रिलर का रोमांच देती है।