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Web series Khakee: कौन हैं आईपीएस अमित लोढ़ा, जिनकी जिंदगी पर बनी वेब सीरीज ‘खाकी’ ने जीता फैंस का दिल

‘मैं नहीं हम… हम बम है सर!’ जी हां बिहार की पृष्टभूमि में बनी वेब सीरीज ‘खाकी: द बिहार चैप्टर’ का ये डायलॉग इन दिनों चर्चा में हैं और इसके साथ ही ये सीरीज नेटफ्लिक्स पर धूम मचा रही है। दमदार एक्टरों से सजी सीरीज खाकी का निर्देशन नीरज पांडेय ने किया है, जिन्होंने क्रिकेटर धोनी पर फिल्म बनाई थी। इस सीरीज में भी नीरज पांडेय की मेहनत नजर आ रही है। मालूम हो कि Web series Khakee आईपीएस अमित लोढ़ा की जिंदगी पर बनी है। ऐसे में इस सीरीज को देखने के बाद लोग IPS Amit Lodha के बारे में जानना चाहते हैं कि कौन है बहादुर आईपीएस और कौन है, वो युवा अमित जिसने बिहार के खूंखार, राजनीतिक पकड़ वाले अपराधी को जेल में डाला था।

अमित लोढ़ा की किताब पर आधारित है Web series Khakee

दरअसल  आईपीएस अमित लोढ़ा ‘बिहारी सिंघम’ के नाम से भी जाना जाता है। फेमस सुपर कॉप अमित लोढ़ा की बहादुरी की कहानी फिल्म में आने से पहले कुछ ही लोग जानते थे। दरअसल, अमित लोढ़ा ने बिहार के दिनों में नौकरी के दौरान किये गए अनुभव के आधार पर किताब लिखी थी,  जिसका नाम ‘द बिहार डायरीज’ है। किताब आने के साथ ही चर्चा में थी, पर ‘द बिहार डायरीज’ किताब चर्चित तो थी लेकिन उतनी पहचान नहीं दिला पाई जितनी मिलनी चाहिए थी। इस वेब सीरीज के रिलीज होने के बाद से लोगों के बीच अमित लोढ़ा का नाम गूगल में सर्च किया जा रहा है। तो आइए आपको बताते हैं, कौन हैं आईपीएस अमित लोढ़ा?

आईआईटी से बीटेक और फिर IPS बनने का सफर तय किया

अमित लोढ़ा मूल रूप से राजस्थान के रहने वाले हैं। यूपीएससी में सेलेक्शन होने के बाद उन्हें  IPS में बिहार कैडर मिला था। अमित की शुरुआती पढ़ाई राजस्थान की राजधानी जयपुर में हुई। फिर इंजीनियरिंग की तरफ रुझान होने की वजह से अमित लोढ़ा ने दिल्ली आईआईटी से बीटेक किया। उन्होंने पहले ही प्रयास में यूपीएससी भी क्रैक किया। उनका सेलेक्शन 1998 में यूपीएससी में हो गया, ट्रेनिंग के बाद उन्हें बिहार कैडर अलॉट किया गया। अमित लोढ़ा ने एक इंटरव्यू में बड़ा खुलासा करते हुए कहा था कि, जब वो दिल्ली आईआईटी में पढ़ रहे थे, तो डिप्रेशन का शिकार हो गए और उन्होंने आत्महत्या करने तक की सोची थी।

डिप्रेशन से उबर कर निकाली UPSC और बन गए युवाओं के प्रेरणा

हालंकि उसके बाद अपने नाना जो की आईपीएस अधिकारी थी उनसे प्रभावित हुए और अमित लोढ़ा ने आईपीएस बनने का विचार किया। डिप्रेशन से निकलने के बाद पहले प्रयास में ही सेलेक्ट हो गए। उसके बाद उनकी शादी हो गई। नाना के आईपीएस होने की वजह से उनका संपर्क अधिकारियों होता रहा। इससे वो प्रभावित होने से बच नहीं सके। इस दौरान उन्होंने जनता के प्रति कैसा व्यवहार होना चाहिए ये उन्होंने सीख लिया। जिससे उन्हें बिहार की जनता को जीतने में ज्यादा समय नहीं लगा।

साल 2006 में बिहार के दुर्दांत अपराधी को पकड़ चर्चा में आए

आईपीएस अमित लोढ़ा युवा थे। सेलेक्शन के कुछ ही साल बाद 2006 में पहली बार तब चर्चा में आए, जब उन्होंने शेखपुरा के ‘गब्बर सिंह’ कहे जाने वाले अशोक महतो और उसके साथी पिंटू महतो को जेल पहुंचाया था। अशोक महतो और उसका गैंग 2006 में बहुत दुर्दांत था। जिसका Web series Khakee में शानदार तरीके से चित्रण किया गया है। अशोक महतो को पकड़ने के बाद उन्हें सरकार ने वीरता पुरस्कार से सम्मानित किया था। अमित लोढ़ा आईपीएस हैं, उनकी पत्नी तनु लोढ़ा हाउस वाइफ हैं। लोढ़ा ने एक इंटरव्यू में उन्होंने बताया था, ” ये मेरा सौभाग्य है, कि मेरी पत्नी तनु बहुत ही समझदार हैं.. वह दिखने में भले ही साधारण और सामान्य सी है लेकिन मुश्किल समय में बेहद मजबूती के साथ खड़ी रहती है क्योंकि वो अंदर से बेहद मजबूत हैं।”

बिहार में रहते हुए अशोक महतो को और उसके साथी को पकड़ने के पूरे घटना क्रम को अमित लोढ़ा ने अपनी किताब में उतारा था। जिसपर अब Web series Khakee आई है। अमित लोढ़ा की गिनती बिहार के टॉप और चर्चित आईपीएस अफसरों में होती है। मौजूदा वक्त में लोड़ा पुलिस महानिरीक्षक यानी (आईजी) के पद पर प्रोमोट हो चुके हैं। उन्हें अपनी शानदार पुलिसिंग के लिए राष्ट्रपति पुलिस पदक, पुलिस पदक और आंतरिक सुरक्षा पदक से भी सम्मानित किया जा चुका है।

गौरतलब है कि अनित लोढ़ा की एक और किताब आ चुकी है जिसका नाम ‘लाइफ इन द यूनिफॉर्म’। इसमें उन्होंने बिहार के आगे के अनुभवों का जिक्र किया है।

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