प्रियदर्शन अपने फैंस को सालों से हंसाते आ रहे हैं, चुस्त डायलॉग और एक्टरों की शानदार कॉमिक टाइमिंग का कॉकटेल उनकी पहचान बन चुकी है। चाहे वो फिल्म ‘हेरा फेरी’ हो, ‘हलचल’ हो या 2003 में आई कॉमेडी को नेक्सट लेवल पर ले जाने वाली Hungama । ‘हंगामा’ Director Priydarshan की मास्टर पीस कही जाती है, इसी लोकप्रियता को भुनाने के लिए 18 साल बाद HUNGAMA-2 आई है, जो HOTSTAR में रिलीज हो चुकी है। इस फिल्म को लेकर अलग-अलग राय सामने आ रही है, ऐसे में हम अपने पाठकों के लिए लाए हैं हंगामा 2 का रिव्यू। चलिए शुरूआत करते हैं फिल्म की कहानी के साथ…
क्या है HUNGAMA-2 की कहानी
कहानी पहली Hungama से अलग है। हालंकि की पहली हंगामा में सबसे चर्चित हिस्सा परेश रावल और उनकी पत्नी के बीच बने कन्फ्यूजन को ही दूसरी HUNGAMA-2 में भुनाने की कोशिश की गई है। कहानी दो परिवारों के बीच बुनी गई है, जिसमें पहला फैमली है, खूबसूरत अंजली (शिल्पा शेट्टी) और उनके पति राधे तिवारी (परेश रावल) की, जो हिमाचल की खूबसूरत वादियों में रहते हैं। दूसरी फैमली है कपूर खानदान की, जिसके मालिक हैं रिटायर्ड जेलर (Ashutosh rana) और उनका बेटा आकाश (minaz jafri) कॉलेज से लौटकर सेटल होना चाहता है।
लेकिन अचानक आकाश की कॉलेज की प्रेमिका वाणी (pranitha subhash) एक बेटी के साथ घर आ जाती है। वाणी का दावा है, कि बेटी आकाश यानी मिनाज जाफरी की है। जबकि आकाश की शादी जेलर कपूर अपने दोस्त के बेटी के साथ तय कर चुके हैं। आकाश की सेक्रेटरी हैं अंजली (shilpa shetti) जिससे दोनों में दोस्ती है। लेकिन अंजली के पति राधे तिवारी को शक है, कि उनकी पत्नी अंजली और आकाश के बीच अफेयर है।
ऐसे में आकाश कैसे अपनी पूर्व प्रेमिका और अनचाही बच्ची के चुंगल से निकलता है और राधे तिवारी अपनी पत्नी के अफेयर को बर्दाश्त और उसे पकड़ने के लिए जो प्रयास करते हैं, इस सब में हुए hungama को प्रियदर्शन ने फिल्माया है। ये तो रही कहानी की बात, अब निर्देशन और अभिनय जैसे बाकी पक्षों की बात भी कर लेते हैं।
प्रियदर्शन नहीं दोहरा पाए अपना करिश्मा
प्रियदर्शन की फिल्में सिचुएशनल कॉमेडी के लिए जानी जाती है, पर HUNGAMA-2 से ये बिलकुल नदारद है। फिल्म देखते हुए लगता है कि इसमें जबरस्ती सीन क्रीएट करने की कोशिश की गई, जिन्हें देख शायद ही हंसी आए। वहीं बात करें प्रियदर्शन के सिग्नेचर स्टाइल की तो उनकी फिल्मों के आखिर कुछ मिनट काफी रोमांचक रहे हैं, चाहें वो हंगामा हो या हलचल। जिन्हें देख दर्शक हंस-हंस कर लोट-पोट हो जाए, पर हंगामा 2 के आखिरी दृश्य में ऐसा कुछ भी नहीं मिलता है। कुल मिलाकर कह सकते हैं कि इस फिल्म में प्रियदर्शन अपना करिश्मा नहीं दोहरा पाए हैं।
कलाकारों का अभिनय नहीं जमा पाया रंग
HUNGAMA-2 में पहली वाली हंगामा के कई कलाकार जैसे राजपाल यादव, परेश रावल, मनोज जोशी हैं और तो वहीं आशुतोष राणा, मिनाज़ ज़ाफरी, शिल्पा शेट्टी, जॉनी लीवर के साथ जुड़े हैं। इनके अलावा 90 के दशक के मशहूर कॉमेडियन टिकू तलसानिया भी इस फिल्म काफी लंबे अरसे बाद दिखें हैं। इस तरह से देखा जाए तो इसमें नामी कॉमेडियन की पूरी फौज है, पर फिल्म की लचर कहानी के चलते उनका अभिनय कोई रंग नहीं जमा पाता।
हां, राजपाल यादव काफी हद तक अपने दृश्यों के जरिए रंग जमाने में कामयाब नजर आते हैं। ये राजपाल यादव की स्क्रीन प्रजेंस का कमाल है कि वो जब भी स्क्रीन पर नजर आते हैं, फैंस के चेहरे पर मुस्कान खिल ही जाती है। वहीं बात करें इस फिल्म की लीड जोड़ी की तो साउथ एक्ट्रेस प्रणिता सुभाष स्क्रीन पर सिर्फ राधिका आप्टे की याद दिलाती हैं, ऐसे में शायद हिंदी दर्शकों को उनसे जुड़ने में थोड़ा वक्त लगें। वहीं मिजान जाफरी के अभिनय में उनकी दूसरी फिल्म के हिसाब से थोड़ी परिपक्वता नजर आती है, पर वो इतनी भी प्रभावी नहीं है कि कोई हंगामा कर सके।
क्यों देखनी चाहिए HUNGAMA-2
अगर आपको साफ सुथरी और हल्की फुल्की कॉमेडी फिल्में पसंद हैं, तो परिवार के साथ बैठकर ये फिल्म देखी जा सकती है। कम से कम पुराने मंझे हुए कलाकारों को एक साथ स्क्रीन पर देखने का आनंद ही मिलेगा।
क्या हैं HUNGAMA-2 की ख़ामियां
अगर आप 2003 वाली हंगामा के फैन हैं और उस तरह की कॉमेडी की उम्मीद लेकर ये फिल्म देखने बैठेंगे, तो निराशा ही हाथ लगेगी। क्योंकि इस फिल्म में न तो उस तरह की सिचुएशनल कॉमेडी है और न ही हंगामा जैसे सुपरहिट गाने, जो आपका दिल बहला सकें।