इस डिजिटल सिनेमा के युग में कंटेंट के साथ ही सिनेमा के पारम्परिक तौर-तरीके में भी बड़ा बदलाव आया है। ये ओटीटी की ही देन है कि बियॉन्ड द इमैजिनेशन वाली परिकल्पना से अलग, अब फिल्मों और वेब सीरीज के लिए वास्तविक किरदार गढ़े जा रहे हैं.. जहां चरित्र अभिनेताओं के साथ ही महिला किरदारों का कद भी अब बढ़ चला है। अब नायक के साथ रोमांस फरमाने वाली नायिका से इतर, वास्तविक और सशक्त महिला किरदार गढ़े जा रहे हैं। साथ ही ओटीटी प्लेट फॉर्म पर रिलीज होने वाली वेब सीरीज में महिलाओं से सम्बंधित ज्वलंत मुद्दें भी उठाए जा रहे हैं।
वीमेन डे स्पेशल में हम ऐसे ही कुछ महिला केंद्रित वेब सीरीज Women oriented web series के बारे में बात कर रहे हैं, जो दमदार कहानी और सशक्त किरदार के जरिए महिला सशक्तिकरण की नई परिभाषा गढ़ रहे हैं।
आर्या (Aarya)
इस लिस्ट में हमने पहले नम्बर पर रखा है disney plus hotstar पर रिलीज हुई सुष्मिता सेन की वेब सीरीज आर्या Aarya को। वैसे तो डज़ वेब सीरीज ‘पोनाज़ा’ पर आधारित ये क्राइम ड्रामा आर्या सरीन नाम की एक लेडी डॉन की कहानी है, पर असल में देखा जाए तो ये उन तमाम औरतों की दास्तां बयां करती है जो पति के आकस्मिक मौत के बाद विपरित परिस्थितियों का सामना करती हैं।
इसमें दिखाया गया है कि कैसे पति की हत्या के बाद आर्या बच्चों की सुरक्षा के लिए मजबूरन परिवार के गैर कानूनी धंधे में उतरती है और वहां उसे दुश्मनों के साथ ही अपने करीबियों के चालबाजी का भी शिकार होना पड़ता है। वहीं सुष्मिता ने इस सशक्त महिला के किरदार में अपनी अदाकारी से जान डाल दी है, बता दें कि हाल ही में इस वेब सीरीज के लिए सुष्मिता को दादा साहेब फालके बेस्ट एक्ट्रेस अवार्ड से नवाजा गया है।
‘बुलबुल’ Bubul
बीते साल नेटफ्लिक्स पर आई फिल्म ‘बुलबुल’ भी महिलाओं के खिलाफ घरेलु हिंसा जैसे संवेदनशील मुद्दे को सामने लेकर आई थी। वैसे तो ये एक हॉरर फिक्शन है, पर असल में भूत-प्रेत से कहीं अधिक आपको समाज का काला सच डराता है। दरअसल, 1881 के बंगाल की पृष्ठभूमि पर आधारित इस कहानी का केंद्र बुलबुल है, जो 6 साल की छोटी सी उम्र में जमीदार परिवार के बड़े बेटे से ब्याह दी जाती है, पर वो अपने हमउम्र देवर सत्या से आकर्षित होती है, थोड़े दिनों में सत्या पढ़ाई के लिए लंदन चला जाता है।
फिर कहानी 20 साल आगे बढ़ती है और सत्या वापस लौटता है, पर अब ज़मींदार परिवार की पूरी स्थिति बदल चुकी है.. बड़ा भाई जहां हवेली छोड़ कर जा चुका है तो दूसरे की हत्या हो चुकी है और बुलबुल ठकुराइन के रूप कामकाज देख रही है। वहीं दूसरी तरफ गांव में कई सारी रहस्यमयी हत्याएं हो रही हैं, जिसके लिए लोग किसी चुड़ैल को जिम्मेदार ठहराते हैं। ऐसे में जब आखिर में इन हत्याओं और चुड़ैल के राज से पर्दा उठता है तो कहानी बेहद इमोशनल मोड़ लेती है और ये फिल्म ज़मींदारी व्यवस्था, पितृसत्ता, बाल विवाह से लेकर घरेलू शोषण जैसे मुद्दों को उजागर करती है।
‘रात अकेली है’ Raat akeli hai
नवाजुद्दीन सिद्दीकी और राधिका आप्टे की मर्डर मिस्ट्री वाली फिल्म ‘रात अकेली है’ भी बेहद रोचक तरीके से महिला शोषण के मुद्दे को उजागर करती है। दरअसल, कहानी की बात करें तो ये फिल्म ठाकुर परिवार के मुखिया की हत्या से शुरू होती है, जिसमें शक के दायरे में परिवार के लोग ही शामिल हैं।
पर आखिर में जब इस कत्ल का राज खुलता है तो ये आम क्राइम ड्रामा से आगे बढ़कर सोशल मैसेज देने वाली फिल्म बन जाती है, जो सीध तौर पर पितृसत्ता और महिलाओं के खिलाफ हो रहे घरेलू शोषण पर प्रहार करती है।
त्रिभंगा Tribhanga
जब हम बात महिला केंद्रित ऑनलाइन फिल्मों और वेब सीरीज Women oriented web series की कर रहे हैं तो हाल ही में नेटफ्लिक्स पर रिलीज हुई फिल्म ‘त्रिभंगा’ को कैसे भूल सकते हैं। ये फिल्म त्रिभंगा तीन पीढ़ियों की औरतों के किरदार के जरिए वास्तविकता के धरातल पर महिलाओं की उम्मीदों और रिश्तों की बारिकियों को परखती है।
रेणुका शहाणे के लेखन और निर्देशन में बनी इस फिल्म में काजोल ने जहां बेबाक एक्ट्रेस अनुराधा का किरदार निभाया है, तो वहीं तन्वी आज़मी उनकी मां और नामी लेखिका नयनतारा के किरदार में हैं और मिथिला पालेकर काजोल की बेहद सीधी सुशील बेटी के रूप में दिखती हैं । इन्ही तीन किरदारों के जरिए रेणुका शहाणें ने तीन पीढ़ियों के आपसी द्वंद और उलझें रिश्तों की दास्तां बुनी है।
हंड्रेड Hundred
डिज्नी हॉटस्टार पर रिलीज हुई लारा दत्ता और रिंकू राजगुरु अभिनीत वेब सीरीज ‘हंड्रेड भी Women oriented web series की हमारी इस लिस्ट में शामिल है। दरअसल, ये 42 साल की एसीपी सौम्या शुक्ला और मतगणना कंपनी में काम करने वाली युवा लड़की नेत्रा की कहानी है। दोनो अपनी जिंदगी में परेशान हैं.. एसीपी सौम्या शुक्ला का दुख ये है कि पूरी प्रतिभा और लगन होने के बावजूद वो अपने डिमार्टमेंट के लिए आइटम गर्ल से अधिक कुछ नहीं है तो वहीं नेत्रा को एक रोज अचानक पता चलता है कि उसकी जिंदगी के सिर्फ सौ दिन बाकी है।
ऐसे में जब दोनो एक रोज जिंदगी के एक चौराहे पर मिलती हैं तो अपनी जिंदगी में रोमांच भरने के लिए एक दूसरे से साझेदारी करती हैं। पर बाद में ये साझेदारी ही दोनो पर भारी पड़ती है। इस तरह से देखा जाए तो कहानी बेहद दिलचस्प है और दो अलग-अलग उम्र की औरतों के जिंदगी के जरिए महिलाओं की सामाजिक स्थितियों पर कटाक्ष करती है।
इनके अलावा हाल ही में नेटफिलिक्स पर रिलीज हुई फिल्म ‘द गर्ल ऑन द ट्रेन’, वेब सीरीज ‘बॉम्बे बेगम्सट और ऑल्ट बालाजी की ‘मैरिड वुमन’ भी इस श्रेणी की उम्मदा ओटीटी कंटेंट हैं, जो महिला केंद्रित विषयों के साथ सामाजिक बदलाव की कवायद कर रहे हैं।
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आपकी समीक्षा पढ़ के मैंने जितनी भी वेब सीरीज देखी वो आपकी समीक्षा पे हमेशा खरी उतरी है