जाकिर खान की चर्चित वेबसीरीज Chacha vidhayak hain humare 2 की दूसरी किस्त आ चुकी है। दूसरी भी पहली वाली की तरह इंटरटेन करती है, लेकिन अंत में तीसरी किस्त का इंतजार छोड़ जाती है। पहले पार्ट में जहां जबरिया भतीजा बनने की दिलचस्प कहानी थी। तो दूसरे पार्ट में भतीजा (zakir khand) के नेता बनने की रूपरेखा है। जो तीसरे पार्ट में चाचा (अभिमन्यू सिहं) को कड़ी टक्कर देता नज़र आएगा। क्योंकि रॉनी यानी (जाकिर खान) खुद ही कहते हैं, “राजनीति है पब्जी नहीं, सीखते सीखते ही आएगी”।
पार्ट-2 में क्या है कहानी
कहानी की बात करें, तो पहले पार्ट में रॉनी पाठक विधायक अश्वनी का मुंह बोला भतीजा बना चुका था। दूसरे पार्ट (Chacha vidhayak hain humare 2) में रॉनी ने हमारी पार्टी और विधायक चाचा की नजरों में मेहनती और काबिल हो चुका है। चाचा का दिल जीत चुका है। भतीजा अब नेता बनना चाहता है, पार्षद का चुनाव लड़ने की इच्छा पनपने लगी है। जिसको विधायक चाचा (अभिमन्यु सिंह) भाप जाते हैं। मौजूदा पार्षद की मृत्यु के बाद बेटे को उतार देते हैं।
पूर्व पार्षद का बेटा विक्की महेश्वरी और रॉनी पाठक के बीच प्रतिद्वंदिता बढ़ती है। जो बाद में दुश्मनी का रूप ले लेती है। इस दौरान कई उतार चढ़ाव आते हैं। विक्की महेश्वरी एक के बाद एक चाल चलता है। विक्की अपनी चाल से रॉनी को पार्टी से निकलवा देता है। रॉनी पाठक को कमजोर करने के लिए उसके दोस्तों तक को तोड़ लेता है। रॉनी को दिल ही दिल में चाहने वाली दोस्त के स्कूल की बिल्डिंग की लीज बदलवा देता है।
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यहां तक कि रॉनी का परिवार जिस लड़की से उसकी शादी कराना चाहते हैं। उसके अतीत को दुनिया के सामने ले आता है। लेकिन रॉनी के न हारने वाला स्वभाव दर्शकों को लुभा जाता है। रॉनी की ट्रॉय एंगल लव स्टोरी भी इस पार्ट की जान है। अंत में रॉनी अपनी मंजिल तक तो नहीं मुकम्मल रास्ते को जरुर पा जाता है। जिसका सफर अगली सीरीज में देखने को मिलेगा।
डॉयलॉग में दिखेगा जाकिर का जलवा
पार्ट-2 के 8 एपिसोड हैं, जिसमें दमदार डायलॉग खूब भरे हैं। जो दर्शकों को अंत तक बांधे रखते हैं। लव और राजनीति के तड़के से कहानी कहीं भी बोर नहीं करती। कुछ हल्के फुल्के अंदाज में कई जगह गंभीर और हंसाती रहती है। जाकिर खान की लिखी इस सीरीज में कई जगह भारी भरकम डायलॉग पंच के रूप में लिखे गए हैं। जो जाकिर की स्टैंडप कॉमेडी की यदा कदा याद दिलाते रहते हैं।
कहानी को जिंदा करता है निर्देशन
डायरेक्शन की बात करें तो, जाकिर ने जैसा कसा और पंच के रंगों से सीरिज को भरा है। वैसा ही डायरेक्टर ने कैमरे के माध्यम से दर्शकों के सामने आते हैं। कुछ सीन पहले देखे हुए लगते हैं, लेकिन चुस्त लिखावट और दुरुस्त डारेक्शन से उबाऊ नहीं लगते।
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एक्टिंग में कोई किसी से कम नहीं
एक्टिंग में सभी कलाकारों ने अपनी जान डाल दी है। विधायक चाचा बने अभिमन्यु सिंह, रॉनी के पिता बने जाकिर हुसैन ने जोरदार एक्टिंग की है। मां अम्रिता बना अल्का अमीन भी कई जगह अपनी छाप छोड़ती हैं। रॉनी के दोस्त बने कुमार वरुण और व्योम शर्मा भी काफी प्रभावी है। गर्ल फ्रेंड और होने वाली दुल्हन अवंतिका (वीनस सिंह) के हिस्से में ज्यादा कुछ नहीं है। वहीं सीरीज के कर्ता धर्ता जाकिर खान कुछ जगह लेखन का बोझ उनकी एक्टिंग में झलक जाता है।
क्यों देखें-
शहर के सामान्य परिवार के लड़के का बड़ा सपना और उसे पूरा करने की जद्दोजहद के लिए। मध्यम वर्ग की गलियों के सपने, जो बिना गॉड फादर के ईमानदारी से अंधेरी रात का सफर पूरा करके सुबह के उजाले का इंतजार करते हैं। रॉनी भी राजनीति की गलियों में आए युवा कार्यकर्ताओं को राजनीति की संकरी गलियों से रूबरू करायेगा।
क्यों न देखे-
Chacha vidhayak hain humare 2 सीरीज नहीं देखने का कोई वजह नहीं है। हां कहानी से बहुत उम्मीदें हैं, तो आपको ये सीरिज निराश करेगी। क्योंकि बहुत हंसने की गुंजाइश यहां नहीं है। साथ ही कोई बड़े स्टार कास्ट नहीं है।
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