Justice league review in hindi

कैसी है zack snyder’s justice league जिसके लिए फैंस को लेना पड़ा कानून का सहारा

एक फिल्म जिसे बेहद उम्मीदों और बड़ी बजट के साथ बनाया गया.. फिल्म के निर्देशन से लेकर निर्माण में दुनिया के उम्दा फिल्ममेकर्स लगे। पर फिल्म के बनने के दौरान ही डायरेक्टर के साथ बड़ी अनहोनी हो गई, जिसके बाद निर्देशन का जिम्मा संभाला दूसरे डायरेक्टर ने। ऐसे में जब रिजल्ट की बारी आई तो फैंस ने इसे सिरे से नकारा दिया और पहले वाले डायरेक्टर के निर्देशन में बने वर्जन की मांग कर दी। इतना ही नहीं इसके लिए बकाएदे पिटिशन भी फाइल की गई, जिसके चलते 4 साल बाद दोबारा से पहले वाले डायरेक्टर के कट वाली फिल्म रिलीज की गई। जी हां, हम बात कर रहे हैं ज़ैक स्नायडर्स जस्टिस लीग (zack snyder’s justice league)  की, जोकि इस वक्त इंडिया में बुक माई शो पर स्ट्रीम हो रही है।

film Justice league

अगर आप सुपरहीरो फिल्मो के फैंस हैं तो आप भी इस फिल्म को देखना पसंद करेंगे । पर जस्टिस लीग के फैंस के लिए एक दिक्कत ये है कि जस्टिस लीग का नया वर्जन यानि कि ‘zack snyder’s justice league’ चार घंटे लंबी है। ऐसे में इसे देखने में चार घंटे देने चाहिए या नहीं ये बड़ा सवाल है। इसलिए हम आपको संक्षेप में इसका रिव्यू दे रहे हैं ताकि आप निर्णय ले सकें कि आपको ये फिल्म देखनी है या नही।

क्या है ज़ैक स्नायडर्स जस्टिस लीग

दरअसल, जस्टिस लीग डीसी कॉमिक्स की सुपरहीरोज टीम पर आधारित 2017 की अमेरिकी सुपरहीरो फ़िल्म थी। जिसमें न सिर्फ बैटमैन, एक्वामैन और वंडर वुमन जैसे दुनिया के सबसे बेहतरीन केरेक्टर्स थें, बल्कि इसका निर्माण भी वार्नर ब्रदर्स पिक्चर्स जैसे बड़ी प्रोडक्शन कम्पनी ने किया था। फिल्म के निर्देशन कर रहे थे जैक स्नायडर, पर फिल्म के निर्माण के दौरान ही उनके साथ पर्सनल ट्रेजडी हो गई। मीडिया रिपोर्ट्स की माने तो स्नाइडर की 20 साल की बेटी ने आत्महत्या कर ली थी, ऐसे में उन्होनें ये प्रोजेक्ट बीच में ही छोड़ दिया।

इसके बाद फिल्म की निर्माता कंपनी वॉर्नर ब्रदर्स स्टूडियो ने जॉस वेडन को इसके निर्देशन का जिम्मा दिया। दरअसल, फिल्म के निर्माता चाहते थें कि जॉस वेडन ‘जस्टिस लीग’ को भी थोड़ा मार्वल वाला टच दे पाएं, क्योंकि इससे पहले मार्वल की ‘द एवेन्जर्स’ के शुरुआती दोनों पार्ट डायरेक्ट कर चुके थें। पर अफसोस कि जिस उम्मीद और मेहनत के साथ जस्टिस लीग बनाई गई, परिणाम उस हिसाब से नहीं आया। सुपरहीरोज और डीसी के फैंस ने इस फिल्म को सिरे से नकार दिया और फिर फिल्म के डायरेक्टर कट या फिर कहा जाये तो स्नाइडर कट की मांग होने लगी।

इसके लिए फैंस ने बकाएदे पिटिशन भी फाइल की, जिसके बाद फिल्म के निर्माताओं ने स्नाइडर कट वाली जस्टिस लीग को लाने का फैसला लिया। नतीजन चार साल के लम्बे समय के इंतजार के बाद आखिरकार 18 मार्च 2021 को एचबीओ मैक्स पर फिल्म का डायरेक्टर कट रिलीज कर दिया गया है। भारत में ये बुक माई शो पर स्ट्रीम हो रही है। अब जस्टिस लीग के फैंस के लिए सवाल ये है कि आखिरकार ये नई फिल्म पहले के मुकाबले कितनी बेहतर है। चलिए कुछ महत्वपूर्ण बिंदुओं के जरिए इसका जवाब जानने की कोशिश करते हैं।

कैसी है zack snyder’s justice league की कहानी

जस्टिस लीग (zack snyder’s justice league) की कहानी दूसरी सुपरहीरोज फिल्म की तरह दुनिया को विनाश से बचाने की कवायद है। जिसकी शुरूआत होती है सुपरमैन की मौत के बाद.. जब धरती की सुरक्षा पर मंडराते खतरे को भाप बैटमैन, वंडर वुमन के साथ मिलकर एक टीम तैयार करता है। इस टीम में धीरे-धीरे एक्वामैन, फ़्लैश और सायबॉर्ग भी जुड़ जाते हैं।

वहीं दूसरी तरफ सुपरमैन की मौत के बाद तीन सुपर पॉवर वाले मदर बॉक्स एक्टिवेट हो जाते हैं। इन तीन बॉक्स के एक्टिवेशन का पता चल जाता है स्टेपनवॉल्फ को, जो इन तीनों बॉक्सेस को एक साथ मिलाकर सबसे ताकतवर सपना देखने लगता है। हालांकि स्टेपनवॉल्फ ये खुद के लिए नहीं, बल्कि अपने मालिक डार्कसाइड के सामने अपनी वफादारी साबित करने के लिए करना चाहता है। ऐसे में क्या स्टेपनवॉल्फ के इस मकसद को कामयाब होने से सुपरहीरोज़ की टीम उसे रोक पाएगी या नहीं.. यही जस्टिस लीग की कहानी का सार है।

ज़ैक स्नायडर्स जस्टिस लीग में क्या है खास

अब अगर बात करें कि ज़ैक स्नायडर्स जस्टिस लीग में क्या अलग है तो पहला कि इस पूरी फिल्म में ज़ैक स्नायडर के सिग्नेचर स्टाइल के रूप में एक अलग किस्म का डार्क टोन दिखता है। ये डार्क टोन आप इससे पहले जैक की फिल्मों ‘300’ और ‘वॉचमैन’ देख चुके होंगे। वैसे इस फिल्म में इस डार्क टोन का एक खास आशय भी है, वो है सुपरमैन की मौत के बाद दुनिया में आए खालीपन को दिखाना।

ताकतवर विलेन ने फिल्म को बनाया रोचक

Steppenwolf in Justice league

दूसरी खास बात ये है कि पहली जस्टिस लीग के मुकाबले इसमें विलेन यानि कि स्टेपनवॉल्फ को अधिक ताकतवर दिखाया गया है, जिससे सुपरहीरोज के साथ उसका मुकाबला दिलचस्प लगता है। दरअसल, ऐसा इसलिए हो सका है कि क्योंकि पहली जस्टिस लीग सिर्फ दो घंटे की थी, जिसमें विलेन का स्टेपनवॉल्फ को पूरी फुटेज़ नहीं मिल पाया, पर अब जबकि ये फिल्म चार घंटे की लंबी अवधि की है, तो इसमें स्टेपनवॉल्फ को पूरी अहमियत मिली है। इसका सीधा फायदा फिल्म की कहानी और रोचकता पर पड़ा है। यही वजह है कि जैक स्नायडर वाली जस्टिस लीग फैंस को अधिक पसंद आ रही है।

इस तरह से कुल मिलाकर ‘ज़ैक स्नायडर्स जस्टिस लीग’ पहले से कहीं अधिक रोचक बन पड़ी है। इसलिए अगर सुपरहीरोज फिल्मों के शौकीन हैं तो आपको ये जरूर देखनी चाहिए।

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