ओटीटी ने फिल्ममेकर्स को लीक से हटकर कुछ नया करने की छूट दे दी है। ऐसे में जो फिल्ममेकर पहले प्रयोग करने से बचते रहे हैं वो भी डिजिटल पर नए-नए प्रयोग कर रहे हैं। अमेजन प्राइम वीडियो पर ऐसी ही अनोखी एडवेंचर कॉमेडी फिल्म ‘हैलो चार्ली’ आई है। इस फिल्म का प्रचार बड़े जोर-शोर से किया गया है, क्योंकि यहां खास बात ये भी है कि इस फिल्म से राज कपूर के नाती आदर जैन अपना डिजिटल डेब्यू करने रहे हैं। ऐसे में देखने वाली बात ये है कि बॉलीवुड में महज एक फिल्म पुराने आदर जैन डिजिटल एंटरटेनमेंट की दुनिया में क्या गुल खिलाते हैं। इसलिए हम आपके लिए लेकर आए हैं, इस फिल्म का रिव्यू Hello Charlie review
बता दें कि फिल्म ‘हैलो चार्ली’ का निर्माण रितेश सिधवानी और फरहान अख्तर ने किया है, जबकि इसका निर्देशन पंकज सारस्वत द्वारा किया गया है। फिल्म 9 अप्रैल को अमेजन प्राइम वीडियो पर रिलीज हो चुकी है। गौरतलब है कि इस फिल्म का सोशल मीडिया पर प्रचार काफी दिनों से किया जा रहा है, जिसमें एक गोरिल्ले के साथ कई सारे नामी एक्टर नजर आ रहे हैं। देखा जाए तो इस फिल्म का असली हीरो भी यही गोरिल्ला है। वैसे फिल्म का सस्पेंस हम अभी खत्म नहीं करेंगे, पहले आप पढ़िए ये पूरा रिव्यू Hello Charlie review, बाकी चीजें तो आपको खुद ही समझ आ जाएंगी।
रोड ट्रिप की दिलचस्प कहानी
फिल्म हैलो चार्ली एक रोड ट्रिप की कहानी है, जिसमें मुख्य किरदार है चिराग रस्तोगी उर्फ चार्ली (आदर जैन)। चार्ली इंदौर का रहने वाला है, जो नौकरी की तलाश में मुंबई में आता है, किसी तरह उसे पिज्जा डिलिवरी ब्वॉय की नौकरी मिलती है। पर यहां भी उसकी बेवकूफी भरे करतूतों के चलते नौकरी से हांथ धोना पड़ता है। ऐसे में आखिर में उसे एक गोरिल्ले को मुंबई से दीव ले जाने का काम मिलता है। पर यहां कहानी में ट्विस्ट है क्योंकि ये कोई असल में गोरिल्ला नहीं बल्कि बैंक घोटाला कर दुबई भागने की फिराक में एक बैंक करप्ट ‘एम डी मकवाना’ है।
वहीं दूसरी तरफ नकली गोरिल्ले के साथ ही असली गोरिल्ला की मौजूदगी से भी इस फिल्म में कई सारे रोचक घटनाक्रम चलते रहते हैं। दरअसल, एक कार्गो प्लेन का क्रैश हो जाता है, जो चिड़िया घर के दो गोरिल्लों को लेकर जा रहा होता है। इसमें से एक गोरिल्ला प्लेन क्रैश के बाद वहां से भाग जाता है। ऐसे में इस एडवेंचरस सफर में चार्ली को कई सारी मुसीबतों का सामना भी करना पड़ता है। इस तरह से इस रोड ट्रिप की कहानी तो काफी रोचक रखी गई है।
ह्यूमर का तड़का पड़ा फीका
असल में एक बेहतर फिल्म के लिए सिर्फ कहानी ही मायने नहीं रखती है। स्क्रीन प्ले के साथ निर्देशन और अभिनय भी काफी मायने रखता है। फिल्म हैलो चार्ली में कहानी के अलावा बाकी चीजों पर उतनी मेहनत नही दिखती है। फिल्म में जबरदस्ती का ह्यूमर डालने की कोशिश की गई है, जो काफी खटकती है। जिस तरह की सिचुएशनल कॉमेडी इसमें क्रीएट करने की कोशिश की गई है, वो काफी पुरानी हो चुकी है। आज के रियलटी शो और स्टैंडअप कॉमेडी के दौर में हैलो चार्ली को देख हंसी आना तो दूर पूरी फिल्म को झेलना ही बड़ी बात है।
कलाकारों ने किया निराश
‘कैदी बैंड’ के बाद ये आदर जैन की दूसरी फिल्म है, ऐसे में सबकी नजरें उनकी इस फिल्म पर टिकी थीं, पर इस बार भी आदर जैन ने निराश किया है। देखा जाए तो राज कपूर के बाद उनके परिवार से आए हर मेल एक्टर ने अपने फिल्मी करियर में उनकी नकल की कोशिश की है। उनके पोते रणबीर कपूर में भी राज कपूर की झलक देखने को मिल जाती है, वहीं उनकी बेटी रीमा जैन के बेटे आदर भी इसी बात को दोहरा रहे हैं, पर सोचने वाली बात ये है कि राज कपूर वाली एक्टिंग कितनी पीढ़ियों का उद्धार करेगी।
आदर के अलावा इस फिल्म में दूसरे मुख्य किरदार के रूप में जैकी श्रॉफ नजर आए हैं, पर वो भी अपने अभिनय से कुछ कमाल नहीं कर पाए हैं। वैसे इस फिल्म में जिस तरह का किरदार उन्होने निभाया है वो उनकी इमेज को मैच भी नहीं करता है। इससे पहले डिज्नी हॉटस्टार पर रिलीज हुई सीरीज ‘ओके कंप्यूटर’ में भी उन्होने इसी तरह का अजीबो गरीब किरदार निभाया था, ऐसे में दोनो किरदारों को देख यही सवाल उठता है कि आखिर जैकी श्रॉफ को ऐसे किरदार निभाने की क्या जरूरत है?
आदर और जैकी के अलावा फिल्म में श्लोका पंडित, राजपाल यादव और एलनाज़ नोरौज़ी भी नजर आए हैं, पर इनमें से किसी का भी काम प्रभावी नहीं नजर आता है।
क्या हैं ख़ामियां
देखा जाए तो इस फिल्म में ख़ामियां ही ख़ामियां हैं, जैसा कि हमने पहले ही बता दिया कलाकारों का अभिनय काफी निराश करता है। वहीं फिल्म का लेखन भी कमजोर लगता है… फिल्म में कोई मजेदार डायलॉग नहीं है, ना ही अच्छे गाने हैं जो आपको याद रह जाए।
क्यों देखनी चाहिए
बात करें कि ‘हैलो चार्ली’ क्यों देखी जानी चाहिए तो एडवेंचर कॉमेडी के नाम पर परोसी गई ये फिल्म व्यस्कों का तो कोई खास मनोरंजन कर पाने योग्य नहीं दिखती है। हां, पर आप अपने बच्चों को ये फिल्म जरूर दिखा सकते हैं, हो सकता है इसके जरिए उन्हें ऑनलाइन क्लास से थोड़ा ब्रेक मिल जाए। वैसे भी इस पूरी फिल्म में ‘टोटो’ यानि गोरिल्ला ही है, जो ध्यान खींचता है, ऐसे में टोटो के चलते बच्चों का मनोरंजन जरूर हो जाएगा।
खैर बाकि आपकी मर्जी है कि फिल्म देखनी है या नहीं, हम उम्मीद कर सकते हैं कि ये रिव्यू Hello Charlie review पढ़ कर आपके चुनाव का काम कुछ हद तक आसान हो गया होगा।