Army of the dead Review

Army of the dead Review: जानिए कैसी है जैक स्नाइडर की जॉम्बी हाइस्ट फिल्म ‘आर्मी ऑफ द डेड’

जैक स्नाइडर की फिल्मों का अपना ही रोमांच होता है और यही वजह है कि फैंस उनकी हर फिल्म का दिल थामकर इंतजार करते हैं.. कुछ ऐसा ही इंतजार रहा है जैक स्नाइडर की फिल्म ‘आर्मी ऑफ द डेड’ का। वैसे इस बार जैक स्नाइडर ने अपने फैंस को कुछ खास देने की कोशिश भी की है। देखा जाए तो फिल्म‘आर्मी ऑफ द डेड’ में मनी हाइस्ट वाले रोमांच के साथ और जॉम्बी फिल्म का थ्रिलर भी है। पर जानने वाली बात ये है कि इस कोशिश में जैक स्नाइडर कितने कामयाब हुए हैं, इसलिए हम लाए हैं फिल्म ‘आर्मी ऑफ द डेड’ का रिव्यू (Army of the dead Review)।

जॉम्बी के आतंक में डूबे शहर की कहानी 

सबसे पहले बात इसकी कहानी की कर लेते हैं.. तो इसमे दिखाया गया है कि लास वेगास शहर पूरी तरह से जॉम्बी के आतंक में डूब गया है। ऐसे में जॉम्बी के आंतक को रोकने के लिए उन्हें खदेड़ कर एक जगह में सीमित कर दिया गया है। इन हालातों में सरकार ने ये फैसला लिया है कि उस शहर में एक परमाणु हमले के जरिए जॉम्बियों का खात्मा किया जाएगा। वहीं इस क्वारंटाइन जोन में एक कैसीनो भी है जिसमें असीमित पैसें रखे हैं, ऐसे में कुछ लड़ाका मिलकर इस खजाने को निकालने की योजना बनाते हैं।

Army of the dead

पर क्या वो जॉम्बियों से भरे शहर में जाकर उस कैसीनो के तहखाने में रखी दौलत को बाहर निकाल पाएंगे, क्या जॉम्बियों का पूरी तरह खात्मा हो पाता है। इन सब रोमांच के साथ फिल्म आगे बढ़ती है। वैसे भारतीय दर्शकों के लिए इस फिल्म में एक और खास बात है.. और वो है हुमा कुरैशी। बॉलीवुड एक्ट्रेस हुमा कुरैशी ने ज़ैक स्नायडर की इस फिल्म से अपना हॉलीवुड डेब्यू किया है।

huma qureshi in Army of the dead

फिल्म में हुमा ने, गीता नाम की भारतीय महिला का किरदार निभाया है, जोकि जॉम्बीज के शहर में फंस जाती है। देखा जाए तो कहानी के रूप में ये फिल्म काफी रोमांचक लगती है, पर यहां बात फिल्म के रिव्यू (Army of the dead Review) की है तो ये सवाल करना लाज़मी हो जाता है कि क्या इस बार जैक स्नाइडर का जादू चला है, तो इसका जवाब है नहीं।

नहीं चल पाया ज़ैक स्नाइडर का जादू

असल में फिल्म को रोमांचक बनाने के लिए जैक स्नाइडर ने वीभत्सता की हर सीमा के पार जाने की कोशिश की है, जो दर्शक लुभाने की बजाय सिर्फ और सिर्फ निराश करती है। दरअसल, आर्मी ऑफ द डेड (Army of the Dead) साल 2004 में आई ज़ैक स्नायडर की फिल्म ‘डॉन ऑफ़ द डेड’ ( Dawn Of The Dead) का सीक्वल है। यहां फिल्म में नई बात ये रही है कि इस खतरनाक ज़ोम्बी थ्रिलर फिल्म में इंसान नहीं जानवरों के भी ज़ोम्बी भी मौजूद हैं, पर इतने सब रोचक चीजों के बावजूद ये फिल्म आपको रोमांचित नहीं कर पाती है। बल्कि फिल्म के विभत्स दृश्यों को देख मन खिन्न होता है।

इस फिल्म को देखते हुए लगता ही नहीं है कि 300, बैटमैन वी सुपरमैन, डॉन ऑफ जस्टिस, वॉचमेन, मैन ऑफ स्टील, वंडर वुमन जैसी बेहद शानदार फिल्में बनाने वाले जैक स्नाइडर की ये फिल्म है। मनोरंजन तो छोड़ दीजिए ढ़ाई घंटी लंबी इस फिल्म को अतं तक झेलना ही बड़ी बात है। हां, अगर आप जैक स्नाइडर के डाई हार्ड फैन हैं तो हो सकता है आप ये फिल्म खुशी-खुशी झेल जाए पर बाकि दर्शकों को हमारी यही सलाह है कि अपने रिस्क पर ही ये फिल्म देखें।

ये भी पढ़ें-
Karnan: आखिर क्या है धनुष की फिल्म ‘कर्णन’ में, जिसने सबको बनाया दीवाना

2 thoughts on “Army of the dead Review: जानिए कैसी है जैक स्नाइडर की जॉम्बी हाइस्ट फिल्म ‘आर्मी ऑफ द डेड’

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *