The Empire Review

The Empire Review: मुग़लों पर तीखी बहस के बीच रिलीज हुई बाबर की कहानी ‘द एम्पायर’, जानिए कैसी है सीरीज

मौजूदा दौर में जहां देश में मुग़ल साम्राज्य को लेकर तीखी बहस छिड़ी हुई है, वहीं इसी बीच Disney plus hotstar मुगल सल्तनत के पहले बादशाह बाबर की कहानी ‘द एंपायर’ लेकर आई है। ऐसे में जहां इस शो को लेकर सोशल मीडिया पर विवाद की स्थिति बनती जा रही हैं, वहीं दूसरी तरफ दर्शक ये जान लेना चाहते हैं कि वास्तव में ये शो कितना प्रभावी है। इसलिए हम आपके लिए लेकर आए हैं इसका रिव्यू (The Empire Review)…

The Empire Trailer

बता दें कि The Empire हॉटस्टार पर 27 अगस्त से स्ट्रीम हो रहा है, जो एलेक्स रदरफोर्ड की किताब Empire Of The Moghul- Raiders From The North पर आधारित है। शो के डिस्क्लेमर में ही ये स्पष्ट कर दिया गया है कि ये हिस्टोरिकल फिक्शन है, जो किसी तरह से भी शो के मेकर्स की राय व्यक्त नहीं करता है बल्कि ये इतिहास से प्रेरित एक पीरियड ड्रामा है। अब बात करें कहानी की तो ये सीरीज भारत में मुगल साम्राज्य की नींव रखने वाले बाबर की कहानी है। 8 एपिसोड्स के शो में ज़हीरुद्दीन मुहम्मद बाबर के किशोरावस्था से लेकर प्रौढावस्था तक के सफ़र को दिखाया गया है।

रोचक है कथानक

सीरीज की शुरूआत, 1526 ईस्वी में पानीपत की पहली लड़ाई से होती है, जहां बाबर, इब्राहिम लोदी से जंग लड़ रहा है। वहीं जंग के बीच बाबर अपने बचपन से लेकर हिंदुस्तान आने तक के सफ़र को याद करता है कि वो कहां से चला था और कहां पहुंच चुका है। बाबर उस दिन को याद करता है जब उसके पिता ने उसे हिंदुस्तान का सपना दिखाया था। बाबर के पिता उसे हिंदुस्तान के बारे में बताते हैं ये तुर्क-मंगोलों-अफगानों के आतंक से आजाद मुल्क है, जहां बेहतर जीवन संभव है। बाबर के मन में हिंदुस्तान जाने का इच्छा यहीं से जागती है।

इसके बाद सीरीज में बाबर और उसके सबसे बड़े दुश्मन शैबानी खान की लड़ाई दिखती है। दरअसल, पिता की मौत के बाद 14 बरस के बाबर को उसकी नानी एसान दौलत (शबाना आजमी) फरगना के तख्त पर बैठा देती है, ये तख्त असल में बाबर के लिए कांटों की तख्त साबित होती है। कबीलाई आक्रांता शैबानी ख़ान (डिनो मोरिया) की नजर फरगना और समरकंद जैसे राज्यों पर होती है और वो आक्रमण कर उस पर कब्जा कर लेता है। इसी के साथ ही वो बाबर की नानी, मां कुतलुग़ और बहन खानज़ादा को भी कै़द कर लेता है।

Kunal kapoor in The Empire

ऐसे में बाबर को अपने परिवार वालों को छुड़ाने के लिए फरगाना और समरकंद दोनों से हांथ धोना पड़ता है। इसके बाद बाबर वापस अपने साम्राज्य को कैसे जीतता है और फिर वो किन परिस्थितियों में हिंदुस्तान का रूख करता है… सीरीज में इसे रोचक घटनाक्रम के साथ दिखाया गया है। कुल मिलाकर शो का स्क्रीन प्ले निर्देशक मिताक्षरा कुमार और भवानी अय्यर ने काफी रोचक तरीके से लिखा है। अब रिव्यू (The Empire Review) की बात है तो निर्देशन और अभिनय जैसे बाकी पक्षों पर बात कर लेते हैं।

अभिनय और निर्देशन

देखा जाए तो मिताक्षरा कुमार काफी हद तक एक देसी हिस्टोरिकल सीरीज की कमी को पूरा करने में सफल रहे है। क्योंकि भारतीय दर्शको को हिस्टोरिकल ड्रामा सीरीज के नाम पर अब तक विदेशी हिस्टोरिकल सीरीज से काम चलाना पड़ा है। वहीं अभिनय की बात करें तो कलाकारों ने भी अपना काम बेहतर किया है। शैबानी खान के किरदार में जहां डीनो मोरिया जंचे हैं तो वहीं बाबर के किरदार में जान डालने में कुणाल कपूर ने भी कोई कसर नहीं छोड़ी है। इनके अलावा शबाना आज़मी और दृष्टि धामी ने अपनी भूमिकाएं बेहतर निभाई हैं।

क्यों देखनी चाहिए

अगर आपको हिस्टोरिकल सीरीज पसंद हैं तो इस वीकेंड मनोरंजन के लिए ‘द एम्पायर’ आपके लिए बेहतर विकल्प हो सकती है।

क्या हैं ख़ामियां

पर अगर आप Games of Thrones जैसी अपेक्षा रखकर ये सीरीज देखते तो शायद आपको निराशा मिल सकती है, क्योंकि उसके मुकाबले में इसका वीएफएक्स और सिनेमेटोग्राफी कमजोर है।

खैर बाकि आपकी मर्जी है कि सीरीज ‘द एंपायर’ देखनी है या नहीं, हम उम्मीद कर सकते हैं कि ये रिव्यू (The Empire Review) पढ़ कर फिल्म देखने के आपके चुनाव का काम कुछ हद तक आसान हो गया होगा।

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