Dial 100 Review

Dial 100 Review: फैमिली के लिए फिर जूझते नजर आए मनोज बाजपेयी, जानिए दर्शकों ने ‘डायल 100’ को दिए कितने नम्बर?

‘जब लोग 100 नंबर डायल करते हैं, तो कहीं न कहीं मदद की उम्मीद होती है लोगों में’… ये संवाद है मनोज बाजपेयी स्टारर फिल्म ‘डायल 100’ (Dial 100) का और इस संवाद की तरह ही जब फैंस मनोज बाजपेयी (Manoj Bajpayee) जैसे मझे हुए कलाकार की फिल्म देखने की सोचते हैं तो कहीं न कहीं उन्हें एक बेहतर फिल्म की उम्मीद होती है। पर क्या फिल्म ‘डायल 100’ लोगों के इस उम्मीद पर ख़री उतरती है, ये जानने के लिए हमने ये फिल्म देखी और आपके लिए लेकर आए हैं इसका रिव्यू Dial 100 Review …

एक रात की कहानी है फिल्म ‘डायल 100’

बता दें कि ज़ी5 पर 6 अगस्त को थ्रिलर ड्रामा फिल्म ‘डायल 100’ रिलीज हो चुकी है जोकि सोनी पिक्चर्स फिल्म्स इंडिया और अल्केमी फिल्म्स द्वारा निर्मित है। कहानी की बात करें तो फिल्म ‘डायल 100’ एक रात में होने वाली उन अप्रत्याशित घटनाओं पर आधारित है, जब एक फोन कॉल कई लोगों की लाइफ में उथल-पुथल मचा देती है। फिल्म की शुरुआत एक बारिश की रात से होती है, बिलकुल बॉलीवुड की क्राइम फिल्मों के चिर परिचित अंदाज में। जहां सीनियर पुलिस इंस्पेक्टर निखिल सूद (मनोज बाजपेयी) इमरजेंसी कॉल सेंटर में नाइट ड्यूटी पर है।

Manoj bajpayee in Film Dial 100

इससे पहले कि निखिल कोई कॉल ले पाता, उसकी पत्नी प्रेरणा (साक्षी तंवर) की कॉल आती है, जो बेटे ध्रुव के बहुत अधिक पार्टी करने की शिकायत करती है। इस तरह से निखिल के निजी जीवन की उथल-पुथल की जानकारी मिलती है। इसके बाद इमरजेंसी कॉल सेंटर में एक महिला की कॉल आती है ये कॉल एक महिला (नीना गुप्ता) की होती है, जो खासतौर पर पुलिस अधिकारी निखिल सूद (मनोज बाजपेयी) से बात करना चाहती है। आगे पता चलता है कि ये महिला अपने बेटे की मौत का बदला लेना चाहती है, जिसके लिए वो निखिल की पत्नी (साक्षी तंवर) और उसके बेटे को अपना शिकार बनाती है।

थ्रिलर फिल्म को रोमांचक बनाने से चूके लेखक और निर्देशक

ऐसे में निखिल अपने परिवार को बचा पाता है कि नहीं और आखिर निखिल की उस महिला से क्या दुश्मनी है, फिल्म इसी सस्पेंस पर आधारित है। जिसे जानने के लिए आपको पूरी फिल्म देखनी पड़ेगी। फिलहाल हम यहां रिव्यू (Dial 100 Review) की बात कर रहे हैं तो निर्देशन और अभिनय जैसे बाकी पक्षों पर बात कर लेते हैं। तो जब बात होती है एक रात की कहानी की तो दर्शकों को स्क्रीन पर बांधे रखने के लिए लेखन और निर्देशन दोनों काफी तेज और चुस्त होना चाहिए, पर इस फिल्म में इसका अभाव दिखता है। फिल्म ‘डायल 100’ धीमी रफ्तार से शुरू होती है और थोड़ी देर में इसका सस्पेंस खत्म होता दिखता है।

बेहतरीन कलाकारों ने कमजोर फिल्म में डाली जान

film Dial 100

देखा जाए फिल्म ‘डायल 100’ थ्रिलर फिल्म के नाम पर काफी कमजोर है, जिसमें अगर कुछ दमदार है तो वो है इसकी स्टारकास्ट। अमेज़न प्राइम वीडियो की सीरीज ‘द फैमिली मैन 2’ में धमाल करने के बाद मनोज बाजपेयी ने एक बार फिर ओटीटी पर दमदार उपस्थिति दर्ज कराई है। एक मध्यवर्गीय आदमी जोकि पिता-पति के जिम्मेदारियों और अपने ड्यूटी के बीच किसी तरह सामंजस्य बनाने की कोशिश में लगा है, ऐसे में किरदार में मनोज बाजपेयी ने अपने अभिनय से जान डालने की कोशिश है। मनोज बाजपेयी के अलावा नीना गुप्ता और साक्षी तंवर भी मुख्य भूमिकाओं में जंची हैं।

क्या हैं ख़ामियां

फिल्म ‘डायल 100’ की सबसे बड़ी ख़ामी यही है कि सस्पेंस थ्रिलर के नाम पर परोसी गई ये फिल्म दर्शकों को रोमांचिक करने में कामयाब नहीं दिखती है। फिल्म का सस्पेंस पहले आधे घंटे में ही खत्म हो जाता है और फिर दो घंटे की लंबी फिल्म में रोचकता नहीं बचती। ऐसे में देखा जाए तो ये फिल्म औसत बनकर रह गई है, जिसे अधिक से अधिक 2.5 की रेटिंग दी जा सकती है।

क्यों देखनी चाहिए

अगर बात करें कि फिल्म ‘डायल 100’ क्यों देखनी चाहिए तो इसका जवाब होगा मनोज बाजपेयी के लिए। जी हां, फैंस को कम से कम इस फिल्म में मनोज बाजपेयी की शानदार परफॉर्मेंस देखने को मिल जाएगी। बाकी इस वीकेंड के लिए फिल्म ठीक ठाक टाइम पास है।

खैर बाकि आपकी मर्जी है कि फिल्म ‘डायल 100’ देखनी है या नहीं, हम उम्मीद कर सकते हैं कि रिव्यू (Dial 100 Review) पढ़ कर आपके चुनाव का काम कुछ हद तक आसान हो गया होगा।

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