Sardar Udham Review

Sardar Udham Review: बदला और बलिदान की अनूठी मिसाल पेश करती है विक्की कौशल की ‘सरदार उधम’, पढ़ें रिव्यू

बदले की कहानी हमेशा से फिल्मों के लिए सुपरहिट फॉर्मूला रही है पर जब वो बदला किसी क्रांतिकारी के जुनून को पेश करे तो इसका रोमांच दर्शकों के लिए और भी बढ़ जाता है। विक्की कौशल स्टारर फिल्म ‘सरदार उधम’ के लिए भी फैंस की कुछ ऐसी ही उत्सुकता देखने को मिली है। इसलिए हम लेकर आए हैं इसका रिव्यू (Sardar Udham Review)…

Sardar Udham Trailer

बता दें कि फिल्म विक्की कौशल की मोस्ट अवेटेड फिल्म ‘सरदार उधम’ अमेज़न प्राइम वीडियो पर 16 अक्टूबर को रिलीज हुई है। गौरतलब है कि शूजीत सरकार के निर्देशन में बनी फिल्म ‘सरदार उधम’ महान क्रांतिकारी उधम सिंह की बायोपिक है, जिसमें दिखाया गया है कि सरदार उधम ने किस तरह से 1919 के जलियांवाला बाग नरसंहार का बदला लेने के लिए सालों तक गुमनामी का जीवन जिया और फिर 21 साल बाद लंदन में 1940 में जनरल डायर की हत्या ब्रिटिश सरकार की जड़े हिला दी।

Sardar Udham Review in Hindi

शूजीत सरकार ने सरदार उधम सिंह के बदले की इस कहानी को बेहद ही वास्तविकता और संजीदगी से पेश किया है, जिसमें बदले के साथ ही एक व्यक्ति के रूप में सरदार उधम सिंह के दर्द, साहस और त्याग की झलक मिलती है। 20 साल की उम्र में सरदार उधम ने जलियांवाला बाग की जिस विभत्स घटना को देखा और वो घटना उनके दिल में शूल बनकर चुभ गई और सालों तक दर्द देती रही है। किस तरह से 20 साल तक उस दर्द को सीने में लिए सरदार उधम ने गुमनामी का जीवन जिया और फिर उसी दर्द को अपना मकसद बना बदले को अंजाम दिया ये सब कुछ इस फिल्म में दर्शाया गया है।

सरदार उधम सिंह

फिल्म की सबसे अच्छी बात यही रही है कि बदले की कहानी होने के बावजूद ये बहुत शोर-शराबा नहीं करती, बल्कि एक व्यक्ति के दर्द और एक देश के दूसरे देश के प्रति विरोध को बेहद संजीदगी से उजागर करती है। सरदार उधम की यही इच्छा थी कि उन्हें लोग बागी नहीं बल्कि देश की स्वाधीनता के लिए संघर्षरत क्रांतिकारी के रूप में जाने, फिल्म सरदार उधम इस पक्ष को रखने में पूरी तरह से सफल रही है।

शूजीत सरकार की मास्टर पीस है ‘सरदार उधम’

ये रही फिल्म की कहानी और पृष्ठभूमि की चर्चा, पर चूंकि बात फिल्म (Sardar Udham Review) रिव्यू की है तो निर्देशन और अभिनय जैसे बाकी पक्षों पर भी बात कर लेते हैं। निर्देशन की बात करें तो ये पूरी तरह से शूजीत सरकार के सिग्नेचर स्टाइल वाली फिल्म है, जो कहानी को इस तरह से कहती है कि सीधे दर्शको के दिल में उतरें। फिल्म में सरदार उधम के व्यक्तिगत पक्ष को बाखूबी उजागर किया गया है, कि किस तरह से एक मकसद के लिए उन्होनें कई महाद्वीपों की यात्रा की, उस दौरान कई नकली पहचान बनाए और फिर भीड़ में छुपकर रहे।

सरदार उधम के रूप में विक्की कौशल ने जीता दिल

गौरतलब है कि फिल्म सरदार उधम के लिए मेकर्स की पहली पसंद कभी इरफान खान थे, पर उनकी तबीयत को देखते हुए ये फिल्म विक्की कौशल को मिली। ऐसे में देखा जाए तो सरदार उधम को देखते हुए सबसे पहला विचार ये आता है कि अगर ये किरदार इरफान निभाते तो क्या होता? पर जैस-जैसे आप फिल्म देखते जाते हैं और विक्की कौशल के रूप में सरदार उधम से आपका परिचय होता है, वो विचार भी दिल से निकल जाता है। फिल्म के लिए विक्की कौशल ने सरदार उधम को शारीरिक और मानसिक दोनो रूप से आत्मसात किया है।

Vicky Kaushal in Sardar Udham movie

उनकी आखें भले ही इरफान खान जितनी भावपूर्ण न हो पर उनके चेहरे से सरदार उधम का दर्द और मकसद दोनो झलकता है। देखा जाए तो फिल्म ‘मसान’ ने हिंदी सिनेमा के दर्शकों को विक्की कौशल की अदाकारी से रुबरू कराया तो फिल्म ‘उरी’ ने उनके हीरोइज्म को दिखाया, वही फिल्म ‘सरदार उधम’ विक्की कौशल को मौजूदा दौर के सर्वश्रेष्ठ कलाकारों की श्रेणी में स्थापित करती है। फिल्म में विक्की का अभिनय और संवाद अदायगी दोनो लाजवाब है।

क्यों देखनी चाहिए

क्रांतिकारी के रूप सरदार उधम के व्यक्तिगत यात्रा को जानने समझने के लिए ये फिल्म देखने योग्य तो ही है, वहीं अगर आप शूजीत सरकार की खास स्टाइल वाली फिल्मों के शौकीन हैं तो ये फिल्म तो आपको देखनी बनती है।

उम्मीद करते हैं कि ये रिव्यू (Sardar Udham Review) आपको पसंद आया होगा, ओटीटी पर रिलीज होने वाली फिल्मों के रिव्यू और अधिक जानकारी के लिए Webhungama को फॉलो जरूर करें।

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